Thursday, 13 April 2017

हजरत-ए-सफ़ेद बाल !!!

मैं: अजी जनाब,  बहुत जल्दही तशरीफ़ ले आये आप हमारी जुल्फ़ोंकी खेती-बाडी की मेह्फ़िलमें !!!

Mr.सफ़ेद बाल: अबे हटेले, मैं किसीको पुछके नहीं आता समझा ना. अपना मन बना तो अपून टपक जाता है.

मैं: अच्छा ठीक है भाई..... मैं तो बस यही कह रहा था के थोडी देर और रूक जाते और फ़िर आते. इतनी जल्दीभी क्या थी.


Mr.सफ़ेद बाल: तू सचमें येडा है क्या रे.....साले !! अच्छी लडकी पटाके शादी कर ली... अब बाप भी बन गया और फ़िरभी मेरे आनेपर तू रोरेला है??? 

फ़ट गयी ना तेरी मुझे देखकर?

मैं:  मियाँ सच कहूँ तो हाँ..... पर केवल कुछही पलोंके लिये. क्यूंके तुम्हारा आना तो लाजमी था. फ़र्क सिर्फ़ इतना था के तुम्हारा आगाज कब होगा ये मालूम न था.

Mr.सफ़ेद बाल: मालूम होता तो भी तू क्या उखाड लेता बे?

मैं: सबसे पहले तो तुम्हें उखाड फ़ेंकता और खूदको अपनी जवानी बरकरार होने की झूटी तसल्ली देता.


Mr.सफ़ेद बाल: तो अभी फ़ेंक दे निकालकर मुझे...फ़िर देख कैसे वापस दौडा चला आत हूँ मैं और कैसे कोहराम मचाता हूं 

मैं: तुमने शायद मेरी बातको गौरसे सुना नहीं....मैने कहा के मैं कुछही पलोंके लिये तुमसे घबरा गया था क्यूंके तुम्हें देखनेकी आदत नहीं थी. पर तुरंत वो डर चला भी गया.


Mr.सफ़ेद बाल: क्या बात कर्रा? मेरेसे डर नहीं लगता तेरेको?

मैं: बिलकुल नही!!

Mr.सफ़ेद बाल: देख हां येडे, मैं मेरी पूरी पलटन लेके आउंगा और तेरी वाट लगा दूंगा.

मैं: तुम या तुम्हारी पूरी पलटन मेरे जिंदगी जिने के अंदाजको जरासाभी बदल नहीं सकते. तुम चाहे जितना जोर लगा लो पर मैं जिंदगीका लुत्फ़ अपनी मर्जीके मुताबिक उठाता ही रहूंगा.


Mr.सफ़ेद बाल: अबे बुढे, हर कोई मुझसे डरता है. मुझे छुपाने के लिये न जाने क्या क्या जुगाड करता रहता है. तो तू किस खेत की मूली है बे? जरा मेरे २-४ दोस्त इकट्ठा हो जायेंगे तेरे सरके मैदानपर तो बौखला जायेगा तू. इसलिये लंबी लंबी फ़ेंक मत तू. तेरा नसीब अच्छा है साले के मैंने आनेमे थोडा तो सब्र किया वरना आजकल मैं बहुत पहले ही दस्तक दे देता हूं. फ़िर तो बस मेरी खातीरदारीमेही जुट जाते है वो लोग.

मैं: यही तो गलती हो जाती है उन सबसे. मैं तुम्हारी खातीरदारी के बजाये सामने पडी जिंदगीमें रोजाना कुछ ना कुछ नये रंग भरनेमें लग जाऊंगा. जब तक बालोंका साथ नसीबमे लिखा है तबतक 'Spike' के झंडे लेहराते रहेंगे. 

ईश्वरने मुझे और बहूत कुछ दिया है जो केवल तुम्हारे आनेके गममें जाया करने के लिये नही बना.

अरे बेवकूफ़, जरा गौरसे देख मेरे दोस्तोंको.....तुझे क्या लगता है के कुछ सुनहरे बालोंकी वजहसे वो सब मुझसे दूर भागेंगे?
अरे हट !! तजुर्बे के ईस 'Certificate' को देखकर वो सब मेरे और करीब आ जायेंगे. उनमेसे कोई खौफ़जादा दोस्त निकला तो उसेभी मैं तुम्हारे चंगूलसे बचा लूंगा ये मेरा वादा रहा.

मेरी बेगमने मेरे बालोंका रंग देखकर मुझे पसंद नही किया था. हराभरा मन और थोडाबहुत शातीर दिमाग पे उसका दिल आ गया था. तू ये चिजें मुझसे नही छीन सकता. मेरी बच्ची जैसे जैसे बडी होगी वैसे उसके इर्द गिर्द उसे उसका हम उम्र दोस्तही दिखायी देगा. ईसलिये बुढापा शब्द उसे कभी उदास करने का दमखम नही रख पायेगा.

तुम या तुम्हारे दोस्तोंकी औकादही क्या है जो मेरे हौसलोंको तुम पस्त कर सको. 
अरे नामाकूल, अभी बहूत सारे मकाम हासील करना बाकी है. तेरे बेतुके जनमदिन पे मैं बस रोता रहा तो मेरे अधूरे सपनोंको अंजाम कैसे दे पाउंगा.

ईसलियी याद रख, तेरी दाल यहाँ तो नही गलने वाली है तो तू अपना धौंस कही और जाके जमा.

Mr.सफ़ेद बाल: भाई तू किस मिट्टी का बना है? तेरे बुलंद हौसले देखकर तो मैं डर गया यार. 
चल ईसी बातपे हात मिलाकर दोस्ती करते है यारा. 

मैं तो अब जानेसे रहा. पर हाँ, तेरी खुशमिजाज जिंदगीका हमराही बनकर अबसे तेरा साथ निभाउंगा.

जियो मेरे लाल !!!!

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