Found an old poem of mine written for my friends on a F'ship Day in 2011......
खून के रिश्तोंसे हमारा भरोसा ऊठ चुका था
नाकारा, कामचोर, आलसी हर कोई हमें चूका था
अपनी परछाईसेभी शर्मिंदगी महसूस होती थी
जिंदगी बस एक बेनूरसी अंधियारी गली हो गयी थी
कहींसे अचानक उन्होंने हमें अपने दिलसे लगाया
अपने भीतर छिपे अच्छे और सच्चे इन्सानसे मिलवाया
"I Am The Best" ये हमसे न चाहते हुए रोज कहलवाया
बोरीयतभरी जिंदगी दूर करके पलमें अपना बनाया
कोई उन्हें मसीहा कहेंगे और कोई उन्हें फरिश्ता
पर सच कहूं तो खूनसे बढ़कर होता है ये रिश्ता
हीरे-जवाहरात, पैसा भी इसके सामने है सस्ता
' दोस्ती ' जतन करके रखो यारों, सबसे अनमोलसा है ये रिश्ता
~~~ Sur ~~~
नाकारा, कामचोर, आलसी हर कोई हमें चूका था
अपनी परछाईसेभी शर्मिंदगी महसूस होती थी
जिंदगी बस एक बेनूरसी अंधियारी गली हो गयी थी
कहींसे अचानक उन्होंने हमें अपने दिलसे लगाया
अपने भीतर छिपे अच्छे और सच्चे इन्सानसे मिलवाया
"I Am The Best" ये हमसे न चाहते हुए रोज कहलवाया
बोरीयतभरी जिंदगी दूर करके पलमें अपना बनाया
कोई उन्हें मसीहा कहेंगे और कोई उन्हें फरिश्ता
पर सच कहूं तो खूनसे बढ़कर होता है ये रिश्ता
हीरे-जवाहरात, पैसा भी इसके सामने है सस्ता
' दोस्ती ' जतन करके रखो यारों, सबसे अनमोलसा है ये रिश्ता
~~~ Sur ~~~
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